रिहान का दर्द
चैप्टर 11 रिहान का दर्द
अब तक आपने पढ़ा शौर्य को मीरा का नाम पता चलता है श्रेया रिहान से कहती है की वो उसे अपना नहीं मानता रिहान श्रेया को बताता है की उसकी नई मां कैसे उसे परेशान करती थी
अब आगे
"रिहान कहता है वो मुझे चाबुक से मारती थी.... एक बार मेरे हाथ से गिरकर कप टूट गया था उनहोंने मेरा हाथ जला दिया था"
और वो अपना हाथ दिखाता और बोलता चला जाता है ,उसका सालों से दबा दर्द आज बाहर आ रहा था उसकी हालत देख श्रेया तड़प कर रह जाती है अब राहुल भी रो दिया था आज श्रेया को रिहान के पापा "(रंधीर सचदेवा) की बातें समझ आ रही थी......
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फ्लेशबैक
दिल्ली पुलिस स्टेशन
"श्रेया कहती है " हेलो मिस्टर सचदेवा आपने बुलाया मुझे" रंधीर जी... "हेलो आप राहुल की माँ है?"
श्रेया आराम से कहती है "जी कहीए"
रंधीर जी... "जी मैं रिहान का पापा हू, कुछ कहना था आपसे आप मेरी पुरी बात सुनिएगा फिर अपना फैसला सुनाएगा" श्रेया.... जी
रंधिर जी......."आप अपने बेटे से बहुत प्यार करती है, देखा था मैने". श्रेया कहती है .. "हर माँ करती है "
"रंधिर जी एक मुस्कान के साथ कहते हैं "हां हर सगी माँ"
सगी पर ज़ोर देते हुए कहते हैं श्रेया थोड़ा... चौंकते हुए कहती है " मतलब क्या है आपका" रंधिर जी कहते हैं....... "मैं सब जानता हूँ , लेकिन फिर भी आप उससे इतना प्यार करती है, हर औरत आप जैसे नहीं होती है बहुत इज़्ज़त करता हूँ आपकी"
फीर थोड़ा उदास होके "बहुत मासूम है मेरा रिहान, और शरारती भी था, लेकिन अब नहीं है आपसे बस एक रिक्वेस्ट है आप रिहान को ज्यादा से ज्यादा अपने पास रहने दिजिए ,आपके साथ वो खुश रहता है जो प्यार और ममता आप दे सकती है वो और कोई नहीं दे सकता, शायद आपकी प्यार और ममता से वो पहले जैसा हो जाए आप कहे तो मैं उसके लिए आपको पैसे दे सकता हूँ इससे ज्यादा मैं आपको कुछ नहीं बता पाऊंगा आप मुझे बता दिजिए मैं पैसे भेज दुंगा"...
श्रेया सीरियस होते हुए कहती है .... "मिस्टर सचदेवा मैं गरीब ज़रूर हू लेकिन मेरा प्यार, मेरी ममता बिकाऊ नही है ,आपका बेटा जब चाहे मेरे पास आ सकता है रह सकता है ,इसलिए नही की आप पैसे दे सकते हैं बल्कि इसलिए क्योंकि वो आना चाहता है मेरे पास, चलती हू"
वो आगे जाती उससे पहले ही रंधीर जी कहते हैं "क्या हम दोस्त बन सकते हैं" श्रेया उसे अजीब नज़र से देखती है तो रंधीर कहता है "एसे मत देखो मैं सिर्फ 29 का हू ,मेरी अरेंज मैरेज थी तो जल्दी हो गयी मै इतना भी बुढा नहीं हूँ"
श्रेया मुस्कुरा कर हाथ मिला लेती है "श्रेया दोस्ती मंजूर" फिर दोनों मुस्कुरा देते हैं रंधीर कार्ड देते हुए कभी तुम्हारे काम आ सकु तो मुझे खुशी होगी" श्रेया कहती है " ज़रूर" फिर वो चली जाती है".....
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"प्रेसेंट्"
रिहान अब भी रो रो के सब बता रहा था, और उसे देख राहुल की आंखों में भी आंसू थे अब उसका रोना श्रेया से बर्दाश्त नहीं हो रहा था रिहान कहता है "आप मेरी प्रिंसेस हो, आप.... आप प्लीज मुझे छोड़ कर मत जाना, आप जैसा बोलोगे मैं सब करुंगा....लेकिन मुझे छोड़ कर नहीं जाना"
श्रेया उसे उठाती है और गले लगा लेती है उसे शांत करवाती है रिहान उसके गोद में सर रखकर लेट जाता है श्रेया एक हाथ बढ़ा कर राहुल को अपने पास बुलाती है तो वो भी उसकी गोद में सर रखके लेट जाता है श्रेया दोनों के सर पर हाथ फेरते हुए गाने लगती है"...........
"सो गयी है जमीं सो गया आसमान नींद में खो गया देख सारा जहाँँ"
"पलकों पे सपने सजाये धीरे धीरे बाहों में झुलाये माँ ग ग के सुलाये आ रे आ"
"निंदिया तू आ निंदिया तू आ निंदिया तू आ सो गयी है जमीं सो गया आसमान नींद में खो गया देख सारा जहाँ"
"जाने लगी परछाईया आने लगी तन्हाईया चाँद तारो से यह रत सजने लगी हैं की बसोरी दुर बजने लगी कोई परी उड़"
"मिल दुनिया दिखाई माँ ग ग के सुलाये आ रे आ निंदिया तू आ निंदिया तू आ निंदिया तू आ सो गयी है जमीं सो गया आसमान"
"नींद में खो गया देख सारा जहाँ"
"तू है मेरे जीवन का फल मेरी उम्मीदों का कल जो ना देखो तुझे साँस जाये ठहेर अब्ब है तेरे लिए मेरी सारी उम्र सब की नजर से बचाए तुझे आँचल में छुपाये माँ ग ग के सुलाये आ रे आ"
निंदिया तू आ निंदिया तू आ निंदिया तू आ सो गयी है जमीं सो गया आसमान नींद में खो गया "देख सारा जहाँ पलकों पे सपने सजाये धीरे धीरे बाहों में झुलाये ा रे ा निंदिया तू आ निंदिया तू आ निंदिया तू आ हम हम हम हम आ आ आ आआआआ हम हम हम हम हम."
आज सालों बाद रिहान शायद सुकून से सोया था श्रेया भी दिवार से सर लगाकर वैसे ही सोगई
सुबह 6 बजे
रिहान और श्रेया अभी भी सोय थे, तभी डोरबेल बजती है राहुल हमेशा की तरह 5 बजे ही उठ गया था लेकिन श्रेया ने रिहान को नहीं उठाया क्योंकि वो जानती थी आज वो सालों बाद सुकून से सो रहा था।
श्रेया वैसे ही आंखे बंद करके बैठी रहीं रिहान ने उसके एक हाथ को इतनी ज़ोर से पकड़ा था जैसे अगर उसने उसे छोडा तो वो कहीं गायब हो जाएगी"
राहुल दरवाजा खोलने चला जाता है दरवाजे पर रंधीर खड़ा था" "राहुल ने उन्हें गुड मोर्निंग विश किया और अंदर ले आया
"रंधीर जी कहते हैं.... "गुड मोर्निंग राहुल मोम है तुम्हारी घर पे". . .. राहुल "जी आप उपर चले जाइए वो निचे अभी नहीं आ सकती हैं रंधीर कॉन्फूजड होते हुए "क्यों"
वो रिहान सोया है इसलिए आप जाइए मै आपके लिए चाए लाता हूँ रंधीर रूम में आ जाता है.". . . ....
"और सामने का नज़ारा देख शॉक्ड हो जाता है मिरा दिवार से सर टिकाए सोइ होती है और रिहान उसका हाथ पकड़ उसकी गोद में सर रखे सो रहा होता है" " "रंधीर दोनों की एक फोटो लेता है और जाने लगता है तभी मिरा की आंख खुल जाती है वो हड़बड़ाहट में उठने की कोशिश करती है तो रिहान निंद में कसमसाने लगता है" और बड़बड़ाते हुए कहता है "प्रिंसिमा" थोड़ी देर और सोने दो ना"
"उसके मूह से प्रिंसिमा सुन के तीनों को झटका लगा श्रेया ने उसे उठाते हुए कहा रिहान उठो तूम्हारे पापा आए हैं" "रिहान निंद में ही ओहो प्रिंसिमा उन खड़ुस जेलर को अपने काम से फुर्सत मिले तब ना यहाँ आएंगे मूझे सोना है"
श्रेया फिर से कूछ बोलती तभी उसे रंधीर की गुस्से भरी अवाज़ आइ "रिहान उठो .... रिहान निंद में...... प्रिंसिमा ये कौन मनहूस है जो खडूस जेलर की अवाज़ में बोल रहा है और वो मिरा की कमर पकड़ कर उससे लिपट के सो जाता है" और "उसकी बात सुन रंधीर गुस्से में उसे एक लात मारता है रिहान गुस्से में झल्लाकर कर अपना बम सहलाते हुए कहता है कौन है बे"... "बोलता हुआ पिछे मुड़ता है तो देखता है रंधीर हाथ बांधे खड़ा है".........
मिलते हैं नेक्स्ट चेप्टर में
स्टै हेल्थि एंड सेफ
... बाय बाय....
वानी #कहानीकार प्रतियोगिता
Abhilasha Deshpande
13-Aug-2023 10:28 PM
Nice part
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अदिति झा
17-Jul-2023 12:01 PM
Nice 👍🏼
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Gunjan Kamal
17-Jul-2023 01:57 AM
👏👌
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